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डील डन, अब भारत में सस्ती मिलेंगी स्विट्जरलैंड की बढ़िया चॉकलेट, महंगी घड़ियां और शराब!

नई दिल्ली. स्विट्ज़रलैंड घूमकर आने वाले लोग आपके लिए कुछ और लाएं या न लाएं, मगर चॉकलेट जरूर लेकर आते हैं. जिनके जानकार वहां घूमकर आते हैं, वे तो स्विस चॉकलेट का मजा चख लेते हैं, मगर अब भारत के सब लोग यहां रहते हुए भी स्विस चॉकलेट्स का लुत्फ ले पाएंगे. वही महंगी चॉकलेट भारत में सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाएगी. दरअसल, भारत ने यूरोप के 4 देशों के संगठनों यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ एक अहम कारोबारी समझौता किया है. इस समझौते में भारत और उन देशों के बीच ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट पर काम होगा. इन चार देशों में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं.

EFTA कारोबारी समझौते में आने वाले देशों में से सबसे बड़ा देश स्विट्ज़रलैंड है. वहां का सीफूड, मेडिटेरेनियन फल, कॉफी, तेल, मिठाइयां, प्रोसेस्ड फूड, घड़ियां और शराब (Wine) भारत में सस्ती होने वाली हैं. इस समझौते अथवा एग्रीमेंट के मुताबिक, 7 वर्षों की अवधि के दौरान हर साल सामान रूप से टैक्स की कटौती की जाएगी. वर्तमान में, चॉकलेट और चॉकलेट से जुड़े उत्पादों पर भारत में 30 प्रतिशत की ड्यूटी (टैक्स) लगती है.

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स्विट्जरलैंड की चॉकलेट्स में Lindt, Toblerone, Cailler, Villars, Sprüngli और Laderach काफी प्रसिद्ध हैं. स्विट्ज़रलैंड की घड़ियों में रोलेक्स, ऑमेगा, चॉपर्ड, कार्टियर, ब्लेंकपेन जैसे ब्रांड काफी फेमस हैं. PTI की एक खबर के मुताबिक, स्विस घड़ियों पर 20 प्रतिशत तक का टैक्स लगता है. धीरे-धीरे इन पर से ड्यूटी कम होगी और भारत के लोगों को इन उप्तादों के लिए जाहिर तौर पर कम पैसा चुकाना होगा.

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बढ़ जाएगा वाइन का नशा!
चूंकि, इस डील में स्विट्ज़रलैंड भारत का सबसे बड़ा पार्टनर होगा, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, दोनों देशों के बीच 91 प्रतिशत उत्पादों का ट्रेड होगा. इन उप्तादों में शराब अथवा वाइन भी शामिल है. स्विट्जरलैंड से भारत आने वाली शराब पर ड्यूटी धीरे-धीरे कम होगी. सीआईएफ (शिपिंग प्राइस, जिसमें की लागत, इंश्योरेंस और फ्रेट, शामिल है) के साथ आने वाली स्विस वाइन के लिए 5 से 15 डॉलर के बीच ड्यूटी को 150 प्रतिशत से कम करके 100 प्रतिशत पर लाया जाएगा. यह पहले ही साल में हो जाएगा. उसके बाद अगले 10 वर्षों में इसे 50 फीसदी तक लाया जाएगा.

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बता दें कि ईएफटीए की मार्केट-एक्सेस ऑफर्स में सभी गैर-कृषि उत्पादों और प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों पर टैरिफ रियायत शामिल है. भारत सरकार की तरफ से आए एक बयान के अनुसार, भारत ने ईएफटीए को 105 सब-सेक्टर ऑफर किए हैं, जबकि स्विट्ज़रलैंड से 128, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्टीन से 107 और आइसलैंड से 110 सब-सेक्टर का ऑफर लिया है. इसका अभिप्राय ये है कि ये सभी देश भारत के 105 सब-सेक्टरों में अपने उत्पाद उतार पाएंगे, जिनमें उन्हें ड्यूटी फ्री एक्सेस मिलेगा, जबकि भारत इन देशों के उपरोक्त संख्या में सब-सेक्टरों में अपने उत्पादों से ड्यूटी कम करवाएगा या हटवाएगा. कुछ चीजों पर पहले से ही ड्यूटी कम हो चुकी है.

रविवार (10 मार्च) को हुए इस एग्रीमेंट के बाद इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन देशों ने भारत में अगले 15 साल के दौरान 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. इस समझौते से भारत में 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है.

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