हाइलाइट्स
दो विश्वविद्यालयों ने इस संबंध में की थी रिसर्च और पुरुषों को खिलाए थे कई तरह के लहसुन
फिर इन पुरुषों की गंध को सूंघने के लिए महिलाओं को दी गई, उन्हें लहसुन ज्यादा खाने वाले पुरुषों की गंध ज्यादा आकर्षक लगी
कुछ समय पहले एक रिसर्च आई थी जिसमें कहा गया कि लहसुन खाने वाले पुरुषों के शरीर की गंध महिलाओं को अधिक आकर्षक लगती है. हैरानी हो सकती है लहसुन की तेज गंध भी आकर्षित कर सकती है, क्योंकि अमूमन माना जाता है कि लहसुन खाने वालों के मुंह से तेज गंध आती है. हालांकि अब इस रिसर्च ने तो सारे अनुमान ही ध्वस्त करके नई बात कह दी है.
इस रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार स्कॉटलैंड में स्टर्लिंग विश्वविद्यालय में 42 पुरुषों को कच्चा लहसुन, लहसुन के कैप्सूल या बिना लहसुन खाने के लिए कहा गया.
फिर 82 महिलाओं को उनके शरीर की गंध के नमूने (जो वैज्ञानिकों द्वारा इकट्ठा किए गए थे) सूंघने के लिए दिए गए.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन पुरुषों ने लगभग चार कलियों के बराबर 12 ग्राम लहसुन खाया, उसकी गंध महिलाओं को लहसुन नहीं खाने वाले पुरुषों की तुलना में अधिक आकर्षक लगी. लिहाजा इस अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया कि लहसुन खाने से पुरुषों की गंध महिलाओं के लिए अधिक आकर्षक हो जाती है.
कच्चा लहसुन, लहसुन कैप्सूल खाने को कहा गया
लंदन से प्रकाशित होने वाले द टेलीग्राफ के अनुसार, स्टर्लिंग विश्वविद्यालय और प्राग के चार्ल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक समूह ने, “42 पुरुषों को बारी-बारी से कच्चा लहसुन, लहसुन के कैप्सूल या बिना लहसुन खाने के लिए कहा. इसके बाद उनके शरीर की गंध को इकट्ठा करने के लिए 12 घंटे तक अपनी बगल में एक खास पैड पहनने के लिए कहा. फिर महिलाओं से कहा गया कि वो गंध के नमूने को अच्छा लगने और मर्दांनगी के आधार पर मूल्यांकन करने के लिए कहा गया.

महिलाओं को कई तरह की गंध दी गई, उन्हें वो गंध ज्यादा आकर्षक और मर्दानगी भरी लगी, जिन पुरुषों ने ज्यादा लहसुन खाए थे. ये गंध तीव्र और खुद की ओर आकर्षित करने वाली खास थी. (unsplash)
लहसुन की तीव्र गंध वाले नमूने ज्यादा मर्दाना लगे
जैसा कि हमने पहले भी कहा कि शोध के निष्कर्षों से संकेत मिला कि महिलाओं को वे पुरुष अधिक आकर्षक लगे जिन्होंने लहसुन के विभिन्न रूपों का सेवन किया था. महिलाओं ने लहसुन की तीव्र सुगंध वाले नमूनों को ज्यादा मर्दाना भी बताया. इन्हें महिलाओं ने ज्यादा पसंद किया.
शोधकर्ताओं ने जर्नल एपेटाइट में उल्लेख किया, “हमारे नतीजे बताते हैं कि लहसुन के सेवन से शरीर की गंध की सुखदायकता (इससे मिलने वाले आनंद) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, हो सकता है कि इसका कारण बेहतर स्वास्थ्य प्रभाव हों. क्योंकि लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण तो होते ही हैं और साथ ही ये शरीर को निरोग भी रखने में मदद करता है क्योंकि ये हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है.
वैसे तो लहसुन के स्वास्थ्य लाभों के बारे में पहले ही बहुत कुछ कहा जा चुका है – लेकिन कौन जानता था कि यह पुरुषों और महिलाओं के बीच आकर्षण का आधार भी बन सकता है.

आप जो खाते हैं, उसका प्रभाव विपरीत लिंग का आपके प्रति आकर्षण को लेकर भी पड़ता है. (canva)
खाने का असर विपरीत लिंगआकर्षण पर पड़ता है
शोधकर्ताओं ने इसके आधार पर ये निष्कर्ष भी निकाला कि आप जो खाते हैं, उसका प्रभाव विपरीत लिंग का आपके प्रति आकर्षण को लेकर भी पड़ता है. उससे विपरीत लिंग को आपके शरीर की सुगंध एक अलग तरह से आती है. वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक पशु अनुसंधान में ये बात देखी भी. मादा सैलामैंडर (एक तरह का सरीसृप) उन नरों के प्रति आकर्षित होती हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाते हैं. फिर कुछ अध्ययनों से पता लगा कि मनुष्यों में भी कुछ हद ये बात फिट बैठती है.
लहसुन खाने वालों की पसीने की गंध अच्छी लगती है
इसी तरह के एक अन्य शोध में साफ कहा गया कि जो पुरुष लहसुन खाते हैं महिलाएं उनकी तरफ़ अधिक आकर्षित होती हैं. अध्ययन के अनुसार महिलाओं को उनके पसीने की गंध अच्छी लगती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि महिलाएं कुछ इस तरह से विकसित हो गई हैं कि अब उन्हें लहसुन खाने वाले अच्छे लगते हैं. पुरुषों के पसीने से आने वाली लहसुन की गंध महिलाओं को उनके स्वस्थ होने का संकेत देती है. वैसे तो साइंस हमेशा कहता रहा है कि आप जितना लहसुन खाएंगे आपका शरीर रोग से लड़ने में उतना सक्षम होगा.

पुरुषों के पसीने से आने वाली लहसुन की गंध महिलाओं को उनके स्वस्थ होने का संकेत देती है.
चलिए अब लहसुन के बारे में और भी कुछ जानते हैं.
5000 साल पुराना
लहसुन की खेती सबसे पहले 5,000 साल पहले भूमध्य सागर के तट पर सुमेरियों ने की थी. कुछ स्रोतों का कहना है कि यह कैस्पियन सागर के पूर्वी मैदानों से आया. भारत में लहसुन की खेती हजारों साल पहले मध्य एशिया से आई. इतिहास बताता है कि भारत में 4500 सालों से लहसुन का उपयोग हो रहा है. भारत में लहसुन के बीज सिन्धु घाटी के फरमाणा में हड़प्पा काल में 2600-2200 ईसा पूर्व के बीच पाए गए.

बताते हैं कि मिस्र में पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों के बीच इसे वेतन के रूप में भी दिया जाता था.
मिस्र में वेतन के रूप में दिया जाता था
मिस्र में तूतनखामुन की कब्र में 1325 ईसापूर्व का लहसुन साथ पाया गया. जिसे अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया था. वैसे लहसुन का उपयोग 7,000 वर्षों से अधिक समय से औषधीय पौधे और खाद्य स्रोत के रूप में किया जाता रहा है. पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों और दासों के बीच यह इतना लोकप्रिय था कि लहसुन की कमी के कारण काम रुक गया. ये भी बताते हैं कि मिस्र में पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों के बीच इसे वेतन के रूप में भी दिया जाता था.
पुराने एथलीट क्षमता बढ़ाने के लिए सेवन करते थे
तब ग्रीक ओलंपियनों से लेकर नीरो के अधीन रोमन ग्लेडियेटर्स तक के एथलीटों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने वो अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन खाते थे.
इसे ममी में संरक्षित करके रखा जाता था
लहसुन की खासियतों का पता हजारों साल पहले ही चल चुका था, तभी चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व इसकी खेती तरीके से होनी शुरू हो चुकी थी. लहसुन के सबसे पुराने अवशेष 4000 ईसा पूर्व (मध्य ताम्रपाषाण काल ) इजरायल में ईन गेदी की एक गुफा से मिले. मिस्र में तो इसे बहुत महत्व हासिल था और ये बहुत कीमती चीज समझी जाती थी. शायद इसी वजह से मिस्र में जो ममी बनाई जाती थीं, उसमें उनके साथ लहसुन को भी संरक्षित करके रख देते थे. ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में इसका सबसे पहला संदर्भ अवेस्ता से मिलता है, जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान संकलित पारसी पवित्र लेखों का एक संग्रह है.
दुनिया का दो तिहाई लहसुन चीन पैदा करता है
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा लहसुन चीन में पैदा होता है, इतना ज्यादा कि आप हैरान हो जाएंगे. वो पूरी दुनिया में पैदा होने वाले कुल लहसुन का 73.8 फीसदी पैदा करता है और इसे दुनियाभर में बेचता भी है. भारत इसके उत्पादन में 10.4 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है तो बांग्लादेश 1.7 प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर.
पाचन से लेकर बैक्टीरिया से लड़ने तक
लहसुन में प्रोटीन, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये पाचन में मदद करता है. रक्त में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से लड़ सकता है. इसमें ऑर्गेनोसल्फर और फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं जिनका इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है. मनुष्य सबसे पहले जिन फसलों को उगाना शुरू किया था, लहसुन उनमें से एक है.
चिकित्सा में इस्तेमाल
प्राचीन चीनी और भारतीय चिकित्सा ग्रंथ श्वसन और पाचन में सहायता, कुष्ठ रोग और परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए लहसुन खाने की सलाह देते थे. 14वीं सदी के मुस्लिम चिकित्सक एविसेना ने लहसुन को दांत दर्द, पुरानी खांसी, कब्ज, परजीवी, सांप और कीड़े के काटने और स्त्री रोग संबंधी रोगों के लिए उपयोगी बताया. एक जादुई ताबीज के रूप में लहसुन का पहला उपयोग मध्यकालीन यूरोप में पता चलता है. मसाले के तौर पर तो इसका जादुई महत्व था.
तीखी गंध और स्वाद
लहसुन का उपयोग मिस्र, जापान, चीन, रोम और ग्रीस जैसी विभिन्न संस्कृतियों में पारंपरिक चिकित्सा के लिए किया जाता रहा है. हरा लहसुन भोजन में तीखापन छोड़कर लहसुन का स्वाद और सुगंध प्रदान करता है. हरे लहसुन को अक्सर दक्षिण पूर्व एशियाई (यानी वियतनामी , थाई , म्यांमार , लाओ , कम्बोडियन , सिंगापुरी ) और चीनी कुकरी में काटा और तला जाता है या सूप या गर्म बर्तन में पकाया जाता है. मध्य पूर्वी और अरबी खाना पकाने में लहसुन जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 11:30 IST